हाल के दिनों में हमने देखा है कि देश में आई फ्लू के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में न सिर्फ वयस्कों के लिए जरूरी है कि वे अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखें, बल्कि छोटे बच्चों को भी इससे बचाए रखने के लिए जरूरी उपाय आजमाएं। वैसे भी बच्चों की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है, और आई फ्लू जैसी तेजी से फैलने वाली समस्या उन्हें आसानी से हो सकती है। आई फ्लू बैक्टीरिया और वायरस के कारण फैलता है, जिससे आंखें लाल हो जाती है, खुजली होने लगती है और आंखों से पानी बहता रहता है। हालांकि, यह समस्या गंभीर नहीं है और कुछ दिनों में ठीक हो जाती है। इसके बावजूद, जरूरी है कि आप बच्चों को इस समस्या से बचाए रखने के लिए कुछ उपाय आजमाएं।

हाथों को साफ रखे

इन दिनों बच्चों से कहें कि वे अपने हाथों को हमेशा साफ रखें। अगर किसी गंदी चीज को छुआ है, बाहर खेलकर घर आए हैं या फिर स्कूल से घर लौटे हैं। हर बार उन्हें कहें कि साबुन से हाथों को अच्छी तरह रगडक़र धो लें। इसके अलावा, आप उन्हें हाथों को सेनिटाइज करने की सलाह भी दे सकते हैं।

आंखों को न छुए

बच्चों को समझाएं कि इन दिनों आई फ्लू काफी ज्यादा फैल रहा है। ऐसे में बार-बार अपनी आंखों को छूना नुकसानदायक हो सकता है। बच्चों को यह भी बताएं कि हाथों में जर्म्स और बैक्टीरिया आसानी से पनपने लगते हैं। इन्हीं गंदे हाथों से अगर आंखों को छुआ तो इंफेक्शन या इरिटेशन का खतरा बढ़ सकता है।

संक्रमित व्यक्ति से दूर रहे

आप अपने बच्चों का संक्रमित व्यक्ति यानी जिसे आई फ्लू है, उससे दूर रहने की सलाह दें। यह बात आप जानते ही होंगे कि आई फ्लू आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो जाता है। इसलिए, संक्रमित व्यक्ति को न छुए और न ही उसके आसपास जाए।

पर्सनल चीजों को ही यूज करें

मानसून के दिनों में आई फ्लू फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसलिए, बच्चों से कहे कि वे दूसरों की चीजों का उपयोग न करे। जहां भी जाए, अपनी पर्सनल चीजें ही यूज करे। इसी तरह, बच्चों को पब्लिक स्विमिंग पूल में भी न जानें दें। ऐसी जगहों पर काफी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ऐसे में संक्रमण के फैलने का रिस्क बहुत ज्यादा होता है। यही नहीं, स्विमिंग पूल के पानी में विशेष किस्म के केमिकल का यूज किया जाता है, अगर वह आंखों में चला जाए, तो जलन और इचिंग जैसी परेशानी भी बच्चे को हो सकती है।

आसपास की जगह को डिसइंफेक्ट करे

बच्चों के आसपास की जगह, जैसे टेबल, चेयर और दरवाजे आदि को आप हमेशा डिसइंफेक्ट करके रखें। इंफेक्शन से बचने का यह बहुत ही कारगर उपाय है। दरअसल, ये ऐसी चीजें, जिनका इस्तेमाल साथ रह रहा हर व्यक्ति करता है। इससे भी इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है। आप चाहें, तो बच्चे को एक डिसइंफेक्टेंड स्प्रे भी खरीदकर दे सकते हैं, ताकि वे स्कूल या कहीं और जाए, तो उस जगह या चीजों को डिसइंफेक्ट करके यूज करे। इससे भी आई फ्लू होने का रिस्क कम हो जाता है।

फ्लू के कारण सूजी हुई आंखों से कैसे छुटकारा पाएं

केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने कहा कि आई फ्लू बीमारी का प्रोग्नोसिस काफी अच्छा है। लोगों को घबराने के आवश्यकता नहीं है क्योंकि 3-4 दिन में बीमारी पूरी तरह से ठीक हो रही है। बारिश के मौसम में लोग वातावरण में मौजूद संक्रमण और हानिकारक बैक्टीरिया के कण होने की वजह लोग बहुत जल्दी बीमार हो जाते हैं। इस दौरान लोग वायरल बुखार, फ्लू, सर्दी-जुकाम और आंखों के संक्रमण से जुड़ी समस्याओं का काफी सामना करते हैं। संक्रमित, बुखार या फ्लू होने पर लोगों में एक समस्या काफी देखने को मिलती है, वह है आंखों में जलन के साथ लालिमा और सूजन होना। इसके कारण लोगों को काफी असहजता का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर ऐसा होता है क्यों है? क्या फ्लू होने पर आंखों में सूजन होना सामान्य है या किसी गंभीर स्थिति का संकेत? इस लेख में हम आपको फ्लू होने पर आंखों में सूजन के कारण और इससे राहत पाने के उपाय बता रहे हैं।

फ्लू के कारण आंखों में सूजन

सर्दी या फ्लू होना आंखों में सूजन के आम कारणों में से एक है। वायरल संक्रमण गले में खराश, साइनस और इन्फ्लूएंजा कुछ ऐसी स्थितियां हैं, आंखों में लालिमा और सूजन आदि के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। ऐसा आमतौर पर साइनस ब्लॉक होने के कारण देखने को मिलता है, क्योंकि इस तरह की स्थिति में तरल पदार्थ ठीक से बाहर नहीं निकल पाते हैं और स्टोर होने लगता है। इसकी वजह से आंखों में सूजन की समस्या देखने को मिलती है। आंखों में सूजन आमतौर पर ऊपरी हिस्से में संक्रमण के कारण अधिक देखने को मिलती है।

आंखों की सूजन कम करें

आमतौर पर फ्लू के कारण आंखों में सूजन होने पर डॉ€क्टर आपको कुछ दवाएं लेने का सुझाव देते हैं। इनमें ओवर-द-काउंटर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं शामिल होती हैं, जैसे इबुप्रोफेन। इसके अलावा, कुछ आई ड्रॉप्स भी लेने के लिए कह सकते हैं। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना आपको किसी भी तरह की दवा लेने से बचना चाहिए। क्योंकि यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। डॉ. एके द्विवेदी ने बताया इसके अलावा आई फ्लू में होम्योपैथिक दवा भी काफी कारगर है। लक्ष्णों के आधार पर बेलाडोना, पल्सेटिला, एपिस मेल या अर्जेन्टम नाइट्रिकम अथवा इयूफ़्रेसिया किसी भी होम्योपैथिक चिकित्सकों के सलाह से ली जा सकती है। इसके अलावा, कुछ सरल उपाय भी आपकी आंखों की सूजन से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं जैसे,

  • आंखों की ठंडी सिकाई करें- इसके लिए आप बर्फ का प्रयोग कर सकते हैं।
  • आंखों पर खीरा रखें- सूजी हुई आंखों पर एक खीरे का टुकड़ा काटकर रखें
  • टी बैग का प्रयोग करें- टी बैग को पानी में भिगोकर फ्रीजर में जमाने के लिए रख दें। उसके बाद इससे आंखों की सिकाई करें।
  • आंखों की मालिश करें- आंखों की हल्के गुनगुने तेल से मालिश करें।

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