मप्र की राजधानी भोपाल में आयोजित गरिमामय प्रोगाम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने डॉ. एके द्विवेदी को प्रदान किया सम्मान

इंदौर। देश ही नहीं दुनिया में होम्योपैथिक चिकित्सा को एक नया आयाम देने और अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों में होम्योपैथी को शिखर पर ले जाने के लिए केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य और वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी को ” कैप्टन ऑफ इंडस्ट्री फॉर होम्यपैथी ” सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान डॉ. द्विवेदी को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित एक गरिमामय प्रोगाम में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदान किया। इस अवसर पर डॉ. एके द्विवेदी द्वारा पिछले 25 वर्षों से होम्योपैथी चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और लोगों को मिल रहे सफल इलाज की जानकारी भी अतिथियों व प्रोगाम में उपस्थित गणमान्यजनों के बीच साझा की गई। जिसका सभी ने तालियों के साथ अभिवादन किया।

उल्लेखनिय है कि डॉ. एके द्विवेदी मध्यप्रदेश से एक मात्र ऐसे होम्योपैथिक चिकित्सक है जो केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय भारत सरकार में सदस्य है। वे सदस्य के रूप में 2015 से लगातार मनोनीत किए जा रहे हैं। डॉ. एके द्विवेदी आज होम्योपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी अलग छाप छोड़ चुके हैं। उनका अनुसरण वर्तमान होम्योपैथी चिकित्सा क्षेत्र में भविष्य बना रही युवा पीढ़ी भी कर रही है। एक समय तक जनमानस में भ्रांतियां थी कि छोटी-छोटी सी दिखाई देने वाली ये सफेद गोलियां से उपचार करने पर मरीज को जल्द राहत नहीं दे पाती थी लेकिन आज डॉ. द्विवेदी के प्रयास ने लोगों की उस भ्रांतियों को दूर करने में काफी हद तक सफलता पाई है। आज होम्योपैथिक चिकित्सा केवल छोटे-मोटे रोगों के निदान के लिए ही नहीं बल्कि कई लाइलाज बीमिरायों के रोगियों को भी काफी हद तक राहत देने में कारगर साबित हो रही है। डॉ. एके द्विवेदी ने होम्योपैथिक चिकित्सा के प्रति लोगों के नकारात्म रवैये को बदला है और वे वर्तमान में भी लोगों के बीच होम्योपैथी चिकित्सा को पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमेशा बेहतर और सकारात्मक परिणाम देने की डॉ. द्विवेदी की जिद का ही नतीजा है कि सिकल सेल एनीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया, प्रोस्टेट कैंसर, अवेस्क्युलर नेक्रोसिस जैसे जटिल रोगों से जूझ रहे रोगियों को भी लाभ मिल रहा है। होम्योपैथिक चिकित्सा को देश-दुनिया में और जनमानस के बीच प्रमुखता से पहुंचाने के लिए डॉ. द्विवेदी का प्रयास निरंतर जारी है। डॉ. द्विवेदी ने पिछले वर्ष ही हिन्दी में मानव शरीर रचना विज्ञान (ह्यूमन एनाटॉमी) पुस्तक लिखी जिसे मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ एकेडमी ने प्रकाशित किया जो प्रदेश में हिन्दी में पढ़ने वाले चिकित्सा के छात्र-छात्राओं के लिए अत्यंत उपयोगी शबित हो रही है। आपके द्वारा प्रकाशित की जारही हिन्दी मासिक स्वास्थ्य पत्रिका सेहत एवं सूरत भी लोगों द्वारा काफ़ी पसंद की जाती है जिसमें स्वास्थ्य समस्यायों का हर माह समाधान घर बैठे मिल जाता है।

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