र्मी का मौसम शुरू हो गया है। और अब सूरज भी अपनी तपन दिखाने लगा है। दिन का तापमान 35 से 40 डिग्री तक पहुंचने लगा है। ऐसे में गर्म हवा के साथ ही धूल और अन्य प्रदूषण हमारी आंखों को परेशानी पहुंचा सकते हैं। गर्मी और तेज धूप से खास तौर पर आंखों में जलन होना स्वाभाविक है। ऐसे में हमें आंखों का विशेषतौर पर ख्याल रखना चाहिए। इसके अलावा आंखों में एलर्जी की समस्या भी देखने में आती है। किसी भी एलर्जी के कारण होने वाली आंख की सूजन को आंख की एलर्जी कहते हैं। यह किसी संक्रमण या इन्फेक्शन से होने वाली सूजन से अलग होती है। यह शरीर या आंखों की प्रतिक्रिया के कारण होती है जब आंखें किसी भी एलर्जी पैदा करने वाली किसी चीज के संपर्क में आती है। यह समस्या गर्मी के शुरू होते ही बढ़ने लगती है। जैसे जैसे गर्मी बढ़ती है, यह समस्या भी बढ़ती जाती है। ठंड का मौसम आने पर यह समस्या अपने आप कम हो जाती है और फिर अगली गर्मी में दोबारा बढ़ती है।

आंखों की एलर्जी कैसी दिखती है

आंखें लाल हो जाती हैं और सूज जाती हैं। आंखों में बहुत खुजली होती है। आंखों को बार-बार मलना पड़ता है। आंखों से पानी आता रहता है। आंखों में रोशमी चुभती है। आंखों से चिपचिपा रेशा निकलने लग जाता है। आंखों  की पलकें सूज जाती हैं और मोटी हो कर लटकने लगती हैं जिस कारण आंख खोलना मुश्किल हो जाता है।

आँखों की एलर्जी छुआछूत की बिमारी नहीं है

यहाँ यह बताना बहुत आवश्यक है की यह छूत की बीमारी नहीं है। इस कारण यह एक से दूसरे व्यक्ति को नहीं फैलती। यह केवल उन्हें ही होती है जो एलर्जी के शिकार है। किसी भी ऐसे व्यक्ति जिसे यह बीमारी है उसके संपर्क में आने से किसी दूसरे व्यक्ति को यह एलर्जी फैल नहीं सकती। यह बताना इसलिए आवश्यक है क्यूंकि अक्सर बच्चों को स्कूल से घर भेज दिया जाता है कि उन्हें आँख आयी है और अन्य बच्चों को भी यह बीमारी न पकड़ ले। यह सरासर गलत सोच है । यह संक्रामक रोक नहीं है।

होमियोपैथी- आँखों की एलर्जी के लिए सर्वोत्तम इलाज

होम्योपैथिक चिकित्सक व केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद्, आयुष मंत्रालय (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी के अनुसार होम्योपैथिक इलाज इस बिमारी का सर्वोत्तम इलाज है। अंग्रेजी डॉक्टर आँखों की एलर्जी के लिए एंटी एलर्जिक दवाएं देते रहें हैं। जब ये भी काम करना बंद कर देती हैं तो वे स्टेरॉइड्स का सहारा लेते हैं। आप सब जानते हैं की स्टेरॉइड्स के बहुत से साइड इफेक्ट्स होते हैं जो इस बिमारी से भी कहीं ज्यादा खतरनाक होते हैं। हर रोगी के लिए एक ही दवा नहीं होती है। न ही दवा की मात्रा हर मरीज के लिए एक जैसी हो सकती है। बीमारी और बीमार के हिसाब से दवा और दवा की मात्रा अलग अलग रहती है और यह एक अनुभवी डॉक्टर ही बता सकता है।

एपिस मेल

जब आँखों में बहुत जलन और चुभन हो तो उस के लिए एपिस मेल सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा है। यह चुभन ऐसे मालूम होती है जैसे मधुमक्खी ने काट लिया हो। यह इस दवा की विशेषता है। आँखों से गर्म पानी बहता है। पानी पीने की इच्छा बहुत कम होती है या यूं कहें की प्यास बहुत कम लगती है। हर तरह की गर्मी या गरमाइश से आँख में तकलीफ बताती है।

आर्जेंटम नाइट्रिकम

जब आँखों से पस जैसा स्राव हो तो आर्जेंटम नाइट्रिकम आँखों की एलर्जी के लिए उत्तम होम्योपैथिक दवा है आर्जेंटम नाइट्रिकम – आँखों से पस जैसे स्राव के साथ होने वाली आँखों की एलर्जी के लिए उत्तम होम्योपैथिक दवा है। आँखों में रोशनी चुभती है और मरीज किसी भी तरह की रोशनी को सह नहीं पाता है। गर्म कमरे में यह और भी असहनीय हो जाती है। आँखों के अंदर सूजन रहती है। आम तौर पर ये लोग मीठी चीजें खाना अधिक पसंद करते हैं। पेट मैं बहुत गैस रहती है और बार बार डकार आती रहती हैं।

रुटा

जब ऐसा प्रतीत होता रहे की आँख में कुछ मिट्टी जैसा पड़ गया है तो उस के लिए रूटा अत्योत्तम होमोयोपैथिक दवा है। लगातार आँख में यही महसूस होता रहता है। बार बार देखने पर भी आँख में कुछ नहीं मिलता क्यूंकि असल में आँख में कुछ होता ही नहीं है। आँखें अक्सर लाल, सूजी हुई रहती हैं और दर्द करती रहती हैं।

पल्सटिल्ला

जब आँख को ठंडक से या ठंडे पानी से धोने पर आराम मिलता हो तो पल्सटिल्ला आँख की एलर्जी के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक दवा है। आँखों से गाढ़ा पीला स्राव होता रहता है। आँखों में खुजली और जलन रहती है। पलकें चिपक जाती हैं। प्यास कम लगती है और सब समस्याएं गर्मी में बढ़ जाती हैं।

यूफ्रेशिआ

जब आँखों से तीखा पानी निकलता हो, तो यूफ्रेशिआ आँखों की एलर्जी के लिए  बढिय़ा होम्योपैथिक दवा है। आँख और नाक दोनों से पानी निकलता है परन्तु आँख का पानी तीखा और नाक का पानी सादा ही होता है। इस वजह से नाक में कोई जलन नहीं होती पर आँख में जलन रहती है। यहाँ तक की जहाँ जहाँ यह पानी लगता है वहां से त्वचा जल जाती है या लाल हो जाती है। आँखों से पानी लगातार चलता रहता है परन्तु शाम के समय यह और अधिक हो जाता है। खुली हवा में बेहतर महसूस होता है। आँखों को बार बार झपकने की इच्छा होती रहती है। स्त्रियों में कई बार एक अजीब चीज देखने को मिलती है कि आँखों की एलर्जी के साथ उन में माहवारी बंद हो जाती है।

नोट-ः दवा का चुनाव रोग के कारण पर निर्भर करता है। अत: खुद अपना इलाज करने का प्रयास न करे बल्कि किसी चिकित्सक से ही परामर्श लें और उसी के अनुसार दवा का सेवन करें।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *